शनिवार, 23 अगस्त 2014

मेरे पापा!!

मेरे पापा!!

हँसमुख मददगार मिलनसार,
जिन्दादिल इंसान हो तुम।
पाते आराम जिसके तले,
बरगद की वो छांव हो तुम।

करते नहीं कभी किसी को निराश,
एेसे हरदिल अजीज हो तुम।
नींद में स्वप्न से निश्चल मुस्कान,
ऐसे निस्वार्थ मासूम हो तुम।

मुझको दिया जीवन साकार,
मेरे ईश मेरे भगवान् हो तुम।
दोस्त, अभिभावक, सहायक,
मेरे पापा! सबसे महान हो तुम।
--- प्रेमित (c) (3rd Dec 2002 written on Papa's Birthday)