निशब्द - शब्द
शब्द ना मिले तो क्या कहु
जिन्दगी तमाम शब्दों के हवाले,
पर क्या है मेरी जिन्दगी के शब्द
जो बयां करे मेरी जिंदगानी.
ना रोटी कपड़ा ना मकान
ना दवा दारू ना दूकान,
भागता हूँ इन शब्दों के पीछे
पर ये मेरी जिन्दगी के शब्द नहीं.
शब्द करते हैं बयां
विचार सुविचार या दुर्विचार,
लेकिन मेरी तेरी जिंदगानी,
होती है बिना शब्दों के बयां
निशब्द नहीं है पर ये
है हमारे भी शब्द,
प्रेरणा अमित मिल प्रेमित भये
अवि करे बयां जिंदगानी.
ये शब्द सिर्फ तुम्हारे लिए .... प्राणु.....
--- प्रेमित (c) 12th May 2012. — with Prerna Sahay at Blk 637 Yishun St 61.
Bandhu, Interesting to note that you write poetry, keep up
जवाब देंहटाएंThanks. Need to learn blogging tips from you...
हटाएं